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अध्यक्ष की कलम से…..
महत्वपूर्ण सोच अपने शहर के लोगों को जमाओं के लिए प्रेरितकरना, उन्हें उचित ब्याज देना तथा लोन की आवश्यकता
होने पर बिना परेशानी के कम से कम कागजी कार्यवाही पर पूर्ण सुरक्षित ऋण उपलब्ध करवाना था। इसी सोच के साथ
मात्र 50 सदस्यों से इसकी शुरूआत की गई। राजस्थान सरकार के सहकारी विभाग से इस कार्य के निमित्तवर्ष 2010 के
नवम्बर माह में इसका लाइसेंस प्राप्त किया गया। इस केतुरन्तबाद 3 माह तक के वल बेहतर कार्य की रूपरेखा बनाकर
कार्य की शुरूआत करने हेतू दिया गया। फरवरी 2011 में नये सदस्य बनाकर उन से जमाऐं लेना शुरू किया गया, साथ ही
उस राशि को सदस्यों के मध्य ही उनकी सम्पति रहन (गिरवी) रख कर ऋण देना शुरू करदिया।
अगले 2 वर्ष तक रिद्धि-सिद्धि को व्यवस्थित चलाने हेतु योग्य कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी, साथ ही समस्त खातों को
व्यवस्थित रखने पर ही पूर्ण ध्यान दिया गया। इसी वजह से अंतराष्ट्रीय मानकब्यूरों द्वाराजांच के पश्चात रिद्धि-सिद्धि को
क्वालिटी मैनेजमेंट हेतु ISO 9001-2015 का प्रमाणपत्र एंवलोन की पॉलिसीके सिस्टम की जांचकरने के पश्चात्
सेफ्टीमेनेजमेंट के लिए OHSAS 18001:2007 भी दिया गया।
मार्च 2013 तक सोसायटी का आकार 900 सदस्यों के साथ 2 करोड़ तक पहुंच गया था फिर भी सोसायटी की हानि 7
लाख रूपये थी। सोसायटी ने तब एक अच्छी, विभिन्न क्षेत्रों में निपुण युवाटीम की कार्यकारिणी का गठन किया। जिसके
परिणामस्वरूप एक ही वर्ष में सोसायटीसमस्तहानियों से उभरकरलाभ की ओर अग्रेसित हुई। अगले 4 वर्षों में मार्च 2018
में सोसायटी का स्वरूप 7 हजार सदस्यों के साथ एवं 20 करोड़ से ज्यादा हो गया। आज सोसायटी अपनी 4 शाखाओं के
साथ 50 से ज्यादा कर्मचारीहो ने के बावजूद 50 लाख से ज्यादा के मुनाफेपरकार्यकररहीहैं। सोसायटी सेफ्टीमैनेजमेंट व
क्वालिटी मैनेजमेंट के मानकों के अनुसार ही कार्य करते हुये प्रतिवर्ष शत-प्रतिशत खरी उतरी है एव कई प्रकार के राज्य
स्तरीय एवंराष्ट्रीय स्तरीय सम्मान व पुरस्कार अर्जित कर चुकी हैं।
वर्तमान में सोसायटी अपने सदस्यों के मध्य पूर्णविश्वास के साथ जमाओं को सुरक्षित तरीके से कार्य करते हुए छोटे-छोटे
दुकानदार सदस्यों को बेहद कम कागजी कार्यवाही द्वारा आसान किश्तों पर ऋण उपलब्ध करवा रही हैं। अब सोसायटी के
बड़े विस्तार के लिए सदस्यों की संख्या बढ़ाने हेतु एक छोटी सी एफ.डी. (सावधी जमा) की शुरूआत की है जिस से सदस्यों
को बेहतर रोजगार का अवसर मिले तथा सोसायटी के अधिक से अधिक जमाकर्ता सदस्य एवं अभिकर्ता सदस्य बन सके।